1. इतिहास व महत्व
दशाश्वमेध घाट के बारे में कहा जाता है कि भगवान राम ने यहाँ अश्वमेध यज्ञ किया था।
इसी कारण इसका नाम दशाश्वमेध पड़ा। पुराणों में इसका बहुत महत्व है।
2. गंगा आरती का समय
मौसम | आरती प्रारम्भ | समाप्ति |
---|---|---|
ग्रीष्म / वर्षा | 6:45 PM | 7:30 PM |
शीतकाल | 5:45 PM | 6:30 PM |
बहुत-से टूरिस्ट गंगा में नाव से या घाट की सीढ़ियों पर बैठकर आरती का आनंद लेते हैं।
3. आरती कहाँ से देखें?
विकल्प | लागत (₹) | लाभ | कमी |
---|---|---|---|
घाट की सीढ़ियाँ | मुफ़्त | मंत्र-ध्वनि पास से | भीड़ अधिक |
साझा नाव | 300–500 प्रति व्यक्ति | सामने से स्पष्ट दृश्य | नाव हिलती है |
निजी नाव | 1200–1800 | कम भीड़, मनचाहा कोण | मोल-भाव ज़रूरी |
4. कैसे पहुँचें
- वाराणसी जंक्शन → गोदौलिया
बैटरी रिक्शा : ₹15–₹20 प्रति व्यक्ति, ~25 मिनट - गोदौलिया → दशाश्वमेध घाट
पैदल ~7 मिनट - गोदौलिया → काशी विश्वनाथ
पैदल ~5 मिनट
5. देव दीपावली विशेष
कार्तिक पूर्णिमा (देव दीपावली) के दिन ऐसा लगता है मानो स्वर्ग धरती पर उतर आया हो। देश-विदेश से यात्रियों की भीड़ रहती है; उसी शाम गंगा आरती भी विशेष भव्य होती है।
6. सुरक्षा व सुझाव
- भीड़ से सावधान – महँगे “VIP सीट” पैकेज बेचने वालों को अनदेखा करें।
- हल्के जूते – सीढ़ियों पर चढ़ना-उतरना आसान।
- मोदी शॉल/दुपट्टा – कंधे-घुटने ढँके रहें।
- छोटी करेंसी – ₹10-₹20 नोट चढ़ावे व चाय के लिये।
7. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
आरती देखने के लिए टिकट ज़रूरी है?
नहीं, घाट की सीढ़ियों पर बैठकर आप निःशुल्क देख सकते हैं। नाव या कुर्सी के लिए शुल्क देना पड़ता है।
सबसे अच्छा समय कब पहुँचे?
भीड़ वाले दिनों में आरती शुरू होने से कम-से-कम 45 मिनट पहले पहुँचना बेहतर है।
क्या फोटोग्राफ़ी की अनुमति है?
हाँ, व्यक्तिगत प्रयोग के लिए अनुमति है; कृपया फ़्लैश न चलाएँ। व्यावसायिक शूट के लिए परमिट आवश्यक हो सकता है।
देव दीपावली पर ट्रैफिक व्यवस्था कैसी रहती है?
दोपहर बाद मुख्य सड़कों पर यातायात बंद हो जाता है, इसलिए पैदल या नाव ही विकल्प होते हैं।